Precious Gift (Hindi)

बहुमूल्य उपहार
क्या आपने स्वीकार किया ?
क्रिसमस कुल मिलाकर उपहारों की ही तो बात है। प्रभ यीशु मसीह के जन्म के स्मरण में उपहारों को बाँटना। क्रिसमस के साथ कौन-कौन से उपहार शामिल किए जाने चाहिए ?
क्रिसमस, मनुष्य के लिए परमेश्वर की चिंता का संदेश है।
परमेश्वर ने अपने आपको इतिहास में प्रकट किया और मानव इतिहास पर उसका नियंत्रण है।  मनुष्य सदियों से अपने दार्शनिक एवं धार्मिक अनुष्ठानों के द्वारा अथक रूप से परमेश्वर की खोज में रहा है, परंतु जब समय पूरा हुआ था परमेश्वर ने इस आशाहीन अवस्था में पड़े मनुष्य के छुटकारे के लिए अपने पुत्र (प्रभु यीशु) को इस संसार में भेजा।  इस प्रकार क्रिसमस मनुष्य के लिए परमेश्वर की चिंता को स्मरण दिलाता है।  ग्रीगोरीचन कैलेंडर के अनुसार संसार का इतिहास दो भागों में बांटा जा सकता है जो यीशु मसीह के जन्म के द्वारा संभव हुआ।  इसे ईसा पूर्व (ई. पू.) और ईसवी कहते हैं।  आज जिस साल में हम रहते हैं यह यीशु मसीह का वर्ष है।  यह तथ्य इतिहास में परमेश्वर के हस्तक्षेप का ठोस प्रमाण है।
क्रिसमस, मनुष्य के लिए परमेश्वर की शांति का संदेश देता है।
हर एक व्यक्ति शांति की कामना करता है पर हमेशा उसे प्राप्त करने से चूक जाता है।  बाइबिल में,  शांति को अनुभव न करने का मूल कारण, पाप को ठहराया गया है। विचारों में,  बातचीत एवं आचरण में परमेश्वर के सिद्धांतों का उल्लंघन ही तो पाप है। पाप में जन्म लेने और पाप में जीवन बिताने के कारण मनुष्य व्यक्तिगत, पारिवारिक जीवन में शांति का अनुभव नहीं कर पाता।  बहुतों ने इतिहास में पाप का समाधान पाने का प्रयास किया, पर असफल रहे क्योंकि सबने ही तो पाप किया है (भला एक नेत्रहीन व्यक्ति दूसरे नेत्रहीन व्यक्ति की अगुवाई कर ही कैसे सकता)। परंतु परमेश्वर ने चिरस्थाई शांति प्रदान करने के लिए स्वयं मानव रूप धारण किया।  जब यीशु का जन्म हुआ तब स्वर्ग दूतों ने शांति का संदेश दिया।  कई पदनामों में एक पदनाम जो यीशु के लिए दिया गया है, वह है, “ शांति का राजकुमार”।  करोड़ों ऐसे मसीही है जो इस करोना काल में भी जहाँ चारों ओर भयावह स्थिति बनी हुई है, कई इस बात के गवाह बने हैं कि वह मसीह यीशु में अपने व्यक्तिगत एवं पारिवारिक जीवन में शांति पाई है।
स्वयं में शांति का अनुभव करना तथा दूसरों के साथ मेल-मिलाप में रहना तो एक महान बात है,  परंतु परमेश्वर के साथ मेल-मिलाप और शांति सबसे महानतम बात है।  परमेश्वर जो पवित्र और धर्मी है, वह पाप को दंड दिए बिना नहीं रहता और इस प्रकार से संपूर्ण मानव जाति पाप के अधीन रहने के कारण उसी दंड के योग्य है।  इससे परमेश्वर का मनुष्य से एक बहुत बड़ा अलगाव प्रकट होता है।  मनुष्य के पाप की अवस्था के कारण उसके किसी भी धार्मिक अनुष्ठान या तथाकथित भले कर्म उनके अच्छे जीवन के द्वारा परमेश्वर के पास नहीं पहुंचा सकती। इस समस्या का समाधान स्वयं परमेश्वर के द्वारा अपने पुत्र को इस संसार में भेज कर दिया गया है। कोई भी व्यक्ति प्रभु यीशु पर विश्वास करने और उसे अपने व्यक्तिगत उद्धारकर्ता के रूप में स्वीकार करने के द्वारा हमेशा के लिए परमेश्वर की शांति का अनुभव कर सकता है। इस प्रकार से क्रिसमस शांति का संदेश देता है।
क्रिसमस मनुष्य के लिए परमेश्वर के प्रेम का संदेश देता है।
प्रेम एक ऐसी बात है जिसकी मनुष्य को बहुत ज्यादा जरूरत है और वह हमेशा इसे पाने की चाह रखता है।  प्रेम न पाने के कारण हम अपने आप को प्रायः अकेले, तिरस्कृत  और असुरक्षित महसूस करते हैं। कई बार हम ऐसा सोचते हैं कि हमें कोई नहीं समझता और कोई हमारा साथ नहीं देता है। और कोई भी मनुष्य हमसे निशर्त प्रेम नहीं कर सकता। परन्तु क्रिसमस उन सभी के लिए है, जो प्रेम की चाह रखते हैं, प्रेम का संदेश देता है।
यह संदेश इस बात की घोषणा करता है कि परमेश्वर आपसे और मुझसे प्रेम करते हैं। परमेश्वर हमारी पापमय अवस्था के बावजूद भी हमसे प्रेम करते हैं। क्योंकि परमेश्वर हमसे प्रेम करते हैं, इसलिए उसने हमारे पाप के लिए प्रभु यीशु को दंडित किया ताकि हमें पाप से मुक्ति मिल सके। प्रभु यीशु का जन्म सारे संसार के लिए एक उपहार था जबकि उसका बलिदान जीवित परमेश्वर के प्रेम को प्रगट करता है। यद्यपि मनुष्य के प्रेम और उसकी सहानुभूति में सीमाएं होती हैं, परन्तु प्रभु यीशु के द्वारा परमेश्वर का प्रेम असीमित, सुरक्षित और अनंतकालीन जीवन के लिए पाया जाता है।
प्रभु यीशु आपसे इतना ज्यादा प्रेम करते हैं कि उसने आपके लिए अपनी जान भी कुर्बान कर दी। प्रभु यीशु का प्रेम आपको सारी चिंताओं और भय से निवृत्त करता है। इस प्रकार से क्रिसमस स्मरण दिलाता है कि इस विश्व के सृष्टिकर्ता परमेश्वर मुझे व्यक्तिगत रूप से जानते और मुझसे प्रेम करते हैं।
क्रिसमस मनुष्य के लिए परमेश्वर के आनन्द का संदेश देता है।
मनुष्य हमेशा एक आनन्दमय जीवन की चाह करता है परन्तु बार-बार असफल हो जाता है। मनुष्य की सारी चिंताएं पाप और इसके दुष्परिणामों के कारण होती हैं। मनुष्य कभी-कभी आनन्द के सच्चे अर्थ को गलत तरीके से समझता है। अनेक लोग नशे, असमाजिक क्रिया-कलापों, उपलब्धियों, धन-सम्पत्ति, मनोरंजनों आदि के द्वारा खुशी पाने की कोशिश करते हैं। परन्तु यह एक स्पष्ट सच्चाई है कि ये सारी बातें सिर्फ़ अस्थाई खुशी दे सकती हैं। परंतु वास्तविक और चिरस्थायी आनन्द प्रभु यीशु मसीह की ओर से आता है। परमेश्वर ने अपने पुत्र को इस संसार में इसलिए भेजा कि जो कोई अपने पापों को मानकर उसे उद्धारकर्ता के रूप में स्वीकार करता है तो वह अपने जीवन में वास्तविक आनन्द को प्राप्त करता है। इस प्रकार से, प्रभु यीशु का जन्म इस संसार को आनन्द का संदेश देता है।
क्रिसमस के इस माहौल में, आपके लिए यह एक अवसर होगा की आप अपने जीवन की स्थिति पर विचार करें। आपके जीवन में क्रिसमस का क्या अर्थ है? क्या आप अपने जीवन के बारे में कुछ सेकेंड विचार करेंगे? क्या आप अपने जीवन में परमेश्वर के प्रेम, आनंद और शांति की कमी को महसूस करते हैं? क्या आपके जीवन में परमेश्वर के अनन्त प्रेम के उपहार की तीव्र चाह है? क्या आप मन की सच्ची शांति की खोज कर रहे हैं? क्या आप अपने जीवन का आनंद इसकी परिपूर्णता में उठाना चाहते हैं?
क्या होगा यदि हमें एक शुभ-संदेश के बारे में पता चले कि हमारे पाप और इसके दण्ड का इन्तज़ाम कर दिया गया है? यदि आपने कभी प्रभु यीशु का नाम सुना है, या कभी आपने अपने उद्धारकर्ता के बारे में सुना है जो आपके सारे पापों को माफ़ कर सकता है तथा एक अनंत, आनन्दमय और परमेश्वर के प्रेम से परिपूर्ण शांतिदायक जीवन का उपहार आपको दे सकता है, तो इससे आपकी प्रतिक्रिया क्या होगी?
यदि आप प्रभु यीशु मसीह पर विश्वास करेंगे, तो वह आपके जीवन को बदल सकता है। प्रभु यीशु से मुलाकात करने पर ये सारी आशीषें जीवन में प्राप्त होती हैं। एक ऐसे ऐतिहासिक व्यक्तित्व को जानना महत्वपूर्ण होगा जो वास्तव में जीवन में अर्थ को प्रदान कर सकता है। क्या आप अपने हृदय और अपने मन को परमेश्वर के इस बहुमूल्य उपहार के लिए खोलेंगे?